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देश की राजधानी में पहला ग्लोबल कल्चरल गेम्स का होगा आयोजन
नयी दिल्ली,
पायथियन गेम्स को भारत में बढ़ावा देने के लिए आज नई दिल्ली स्थित होटल ली मेरिडियन में मॉडर्न पायथियन गेम्स के संस्थापक एवं पायथियन काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री बिजेन्दर गोयल की अध्यक्षता में तीसरी नेशनल एक्जीक्यूटिव काउंसिल मीटिंग की गयी, इसमें देश के कई राज्यों के एक्जीक्यूटिव सदस्यों ने भाग लिया और पायथियन गेम्स को वैश्विक स्तर बढ़ावा देने के लिये विचार मंथन किया। इसके उपलक्ष्य में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए मॉडर्न पायथियन गेम्स के संस्थापक एवं पायथियन काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री बिजेन्दर गोयल ने बताया कि पहली ग्लोबल पायथनोवा पायथियन गेम्स का आयोजन 3-5 दिसंबर 2025 तक भारत की राजधानी नई दिल्ली में किया जाएगा। हाल ही में भारतीय स्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के साथ हुई बैठक में परिषद ने इस वैश्विक सांस्कृतिक मिशन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। पायथियन गेम्स को संस्थागत एवं अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल रहा है। इसके अलावा, दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल के साथ भी सकारात्मक चर्चा हुई है, और सरकार की ओर से समावेशी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए सहयोग की उम्मीद है। खेलों को और सशक्त करने के लिए पायथियन काउंसिल का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री और संस्कृति मंत्रालय के सचिव से भेंट करेगा, जिससे औपचारिक समर्थन प्राप्त हो सके।
श्री गोयल ने बताया कि इंटरनेशनल डेल्फिक कमेटी (रूस), इक्युमेनिकल डेल्फिक यूनियन (ग्रीस) और साइप्रस सरकार ने आधिकारिक रूप से मॉडर्न पायथियन मूवमेंट का समर्थन किया है। प्राचीन पायथियन गेम्स, यूनान की चार पनहेलनिक खेलों में से एक थे, जो देवता अपोलो को समर्पित थे और डेल्फ़ी में आयोजित किए जाते थे। ये खेल कला, संगीत, कविता, और भविष्यवाणी की श्रेष्ठता के उत्सव थे और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रमुख केंद्र थे। लगभग 1630 वर्षों के बाद, श्री बिजेन्दर गोयल ने वर्ष 2020 में आधुनिक पायथियन गेम्स की संकल्पना की और 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान इसे औपचारिक रूप से घोषित किया गया। इसके बाद से यह आंदोलन वैश्विक स्तर पर फैलता गया और यह कला, परंपरा, तथा सांस्कृतिक कूटनीति को समर्पित एक महत्वपूर्ण मंच बन गया।
पारंपरिक खेल आयोजनों के विपरीत, मॉडर्न पायथियन गेम्स दुनिया का एकमात्र बहु-विषयक सांस्कृतिक खेल आयोजन है, जो कला, संस्कृति, विरासत, पारंपरिक खेलों और रचनात्मक प्रौद्योगिकी को एक मंच पर लाता है। श्री गोयल ने कहा, "विभाजनों से भरी इस दुनिया में, पायथियन गेम्स संस्कृति के माध्यम से एकता का वैश्विक मंच प्रदान करते है।" उन्होंने कहा कि पायथियन गेम्स के लिए वैश्विक, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तर पर एक केंद्रीकृत फ्रेंचाइज़ी मॉडल लाया जाएगा, जिससे इसकी कार्यप्रणाली पारदर्शी, उत्तरदायी और सुव्यवस्थित हो सके।
पायथियन काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री शांतनु अग्रहरि ने घोषणा की कि अगले राष्ट्रीय पायथियन गेम्स का आयोजन सितंबर/अक्टूबर 2025 में किया जाएगा। श्री अग्रहरि ने कहा“ये राष्ट्रीय खेल भारतीय कलाकारों और भागीदारों के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास मंच होंगे।” उन्होंने कहा,“भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और युवा प्रतिभा इसे वैश्विक आयोजनों के लिए उपयुक्त बनाती है।”
एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि के रूप में, आधिकारिक मॉडर्न पायथियन गेम्स मोबाइल ऐप का शुभारंभ श्री गोयल द्वारा किया गया। यह ऐप वैश्विक सहभागिता के लिए एक डिजिटल मंच के रूप में कार्य करेगा।
श्री गोयल ने कहा,“यह ऐप सिर्फ एक तकनीकी साधन नहीं, बल्कि वैश्विक समावेशन का पुल है।”
• वर्चुअल प्रतियोगिताओं में प्रदर्शन और दृश्य कलाएँ (संगीत, नृत्य, चित्रकला, कविता, फोटोग्राफी आदि) और फिटनेस आधारित गतिविधियाँ (वर्चुअल मैराथन, साइक्लोथॉन, वॉकथॉन) शामिल हैं। इसके अलावा, स्टेप काउंटर द्वारा दैनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलेगा और पंजीकरण, सबमिशन और इंटरएक्टिव पोर्टल्स की भी सुविधा होगी।
पायथियन काउंसिल ऑफ इंडिया के महासचिव श्री शिव कुमार ने कहा,“मॉडर्न पायथियन गेम्स रचनात्मक कूटनीति और सांस्कृतिक एकता की ओर एक ज़रूरी कदम हैं। यह पहल कला, परंपरा और प्रतिभा के माध्यम से भौगोलिक और राजनीतिक सीमाओं को पार करती है। हम इसे ईमानदारी और उत्कृष्टता के साथ आगे बढ़ाएंगे।” मॉडर्न पायथियन गेम्स एक वैश्विक सांस्कृतिक आंदोलन हैं, जो ओलंपिक खेलों के पूरक के रूप में उन विधाओं को मंच प्रदान करते हैं जो ओलंपिक में शामिल नहीं हैं: जैसे कला, विरासत, पारंपरिक खेल और रचनात्मक तकनीक। उन्होंने कहा कि भारत में इन खेलों का संचालन एक अंतरराष्ट्रीय चार्टर के अंतर्गत किया जाता है और इन्हें विभिन्न देशों की सरकारों, सांस्कृतिक संस्थाओं और पेशेवरों का समर्थन प्राप्त है।
पायथियन काउंसिल ऑफ इंडिया एवं ट्रस्टी, डेल्फिक इंडिया ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष श्री बी.एच. अनिल कुमार ने कहा,“आज की दुनिया में पायथियन गेम्स की अत्यंत आवश्यकता है। भारत के पास एक ऐतिहासिक अवसर है कि वह इस शांतिपूर्ण और समावेशी सांस्कृतिक पुनर्जागरण का नेतृत्व करें।”
इस मौके पर आईएएस आईएएस अधिकारियों में श्री संजय श्रीवास्तव, श्री दिलीप सिंह, श्री आर.के. श्रीवास्तव, श्री शंतनु अग्रहरि, श्री राजेश जोगपाल, श्रीमती अनुराधा पाल, आईआरएस अधिकारियों में श्री आकाश जैन और श्री साहिल सेठ, आईपीएस श्री विष्णु शर्मा, पूर्व फार्मर चीफ सेक्रेटरी गोवा आरके श्रीवास्तव, उद्योगपति श्री अजय खुराना, उद्योगपति श्रीमती सुम लाहा और एग्रीफैड जसकरण सिंह उपस्थित थे।
रिपोर्टर
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Aishwarya Sinha