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पर्यावरण हितार्थ इको फ्रेंडली गणेश विसर्जन एक अनुकरणीय पहल - डॉ नयन प्रकाश गांधी
कोटा-
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सर्वे भवन्तु सुखिन: की भावना के साथ गांधी दंपति ने इको फ्रेंडली गणपति विसर्जन के साथ पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को आगे बढ़ाने का लिया संकल्प
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राष्ट्र उन्नति की भावना के साथ गांधी दंपति युवा मैनेजमेंट विश्लेषक सोशल एक्टिविस्ट
डॉ.नयन प्रकाश गांधी एवं एम. बी.इंटरनेशनल सीबीएसई स्कूल की शिक्षिका प्रीति गांधी एवं अपने सुपुत्र भूअंश गांधी ने सपरिवार चर्मण्यवती (चंबल) नदी में इकोफ्रेंडली गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया। यह प्रतिमा गौ माता के गोबर एवं मिट्टी लेप से निर्मित थी,जिसे अनंत चतुर्दशी के शुभ अवसर पर कोटा शहर के कराई के बालाजी क्षेत्र से हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में विसर्जित किया गया।
डॉ. गांधी ने बताया कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए इकोफ्रेंडली गणेश प्रतिमा का महत्व अत्यंत बढ़ गया है। पारंपरिक प्लास्टर ऑफ पेरिस और केमिकल रंगों की जगह गौ माता के शुद्ध गोबर व प्राकृतिक मिट्टी से बनी प्रतिमा न केवल धार्मिक आस्था के अनुरूप है, बल्कि इसके जल में मिलने से नदी की शुद्धता और जैव विविधता भी सुरक्षित रहती है। पर्यावरण वैज्ञानिकों के अनुसार, कोटा की जीवंत चंबल (चर्मण्यवती) नदी पर शहरी प्रदूषण, केमिकल कचरा व प्लास्टिक का प्रभाव बढ़ता रहा है ,जिससे न सिर्फ जल जीव, बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी संकट है। इकोफ्रेंडली प्रतिमा विसर्जन जैसे अभियान नदी के प्रदूषण रोकने में सीधे लाभकारी सिद्ध होते हैं। गांधी ने कहा कि धार्मिक आयोजन प्रकृति के अनुरूप हों, तो राष्ट्र उन्नति के साथ भविष्य पीढ़ी को स्वस्थ पर्यावरण की विरासत भी मिलेगी। नित जलवायु परिवर्तन की भारी समस्या में आज आवश्यकता है कि
विसर्जन के दौरान हर धार्मिक उत्सव में हर आम जन को केवल प्राकृतिक, इकोफ्रेंडली सामग्रियों से बनी प्रतिमाओं का उपयोग करना चाहिए इससे हमारी पावन चंबल नदी प्रदूषण से मुक्त होगी, जैव विविधता में वृद्धि होगी तथा गाय के गोबर व मिट्टी से बनी प्रतिमाओं में पोषक तत्व नदी जल में घुलकर जलशुद्धि भी करेंगे। गांधी ने कहा कि 'जिस प्रकार चंबल की स्वच्छ धारा कोटा की जीवनरेखा है,उसी प्रकार हमारी धार्मिक परंपराएँ और आस्था प्रकृति के संरक्षण से जुड़नी चाहिए।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Aishwarya Sinha