जिले में अब फुटकर दुकानदारों की भी होगी कोरोना जांच

 
• स्वास्थ्य विभाग की टीम घूम घूमकर दुकानदारों की करेगी जांच
• अगले सप्ताह से कॉरपोरेट हाउस के कर्मियों की भी होगी जांच
 
भागलपुर,  10 अगस्त:
कोरोना के बढ़ते मरीजों के बीच स्वास्थ्य विभाग इससे निपटने की तैयारी में पूरी मुस्तैदी से जुट गया है. जिले में जांच की संख्या प्रतिदिन 3000 से अधिक करने के बाद अब शहर के फुटकर दुकानदारों की कोरोना जांच शुरू होने वाली है. स्वास्थ्य विभाग का यह कदम कोरोना की चेन तोड़ने में महत्वपूर्ण हो सकता है. सिविल सर्जन विजय कुमार सिंह ने बताया कोरोना की चेन तोड़ने के लिए अब शहर के चौक- चौराहों पर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम फुटकर और फुटपाथी दुकानदारों की जांच करेगी. इससे कोरोना की चेन तोड़ने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही कॉरपोरेट ऑफिस में भी स्वास्थ्य विभाग की टीम जाकर कर्मियों की कोरोना जांच करने वाली है. यह प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू हो जाएगी. 
 
जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की बनेगी टीम: शहर के फुटकर और फुटपाथी दुकानदारों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग टीम बनाने जा रहा है. इसमें डॉक्टर व टेक्नीशियन शामिल रहेंगे जो शहर के चौक- चौराहों पर घूमघूम कर दुकानदारों का सैंपल लेकर एंटीजन किट से जांच करेंगे और आधे घंटे के अंदर रिपोर्ट दे देंगे.
 
रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कोविड केयर सेंटर में किया जाएगा भर्ती: स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा फुटकर दुकानदारों की कोरोना जांच के बाद  रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर संबंधित व्यक्ति को घंटाघर स्थित कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाएगा. अगर उस व्यक्ति के पास घर में होम आइसोलेशन की सुविधा है तो उसे घर में रहने की इजाजत दी जाएगी. लेकिन इस दौरान उसे होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा. वहीं गंभीर मरीजों को कोवीड केयर सेंटर में बने आईसीयू में भर्ती किया जाएगा.
 
होम आइसोलेशन में जाने वाले को दिया जाएगा किट:  जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज को होम आइसोलेशन में भेजते वक्त स्वास्थ्य विभाग का किट उपलब्ध कराया जाएगा. किट में दवा दी जाएगी, जिसका सेवन मरीज को घर में रहते हुए करना होता है. साथ ही होम आइसोलेशन में बरती जाने वाली सावधानी से भी मरीज को आगाह किया जाएगा. किसी भी तरह की परेशानी होने पर मरीज को डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाएगी. 
 
जांच बढ़ने से कोरोना के संक्रमण को रोकने में मिलेगी मदद: डीपीएम डॉ. फैजान अशर्फी ने बताया जिले में कोरोना की जांच बढ़ने से इसके संक्रमण को बढ़ने से रोकने में मदद मिलेगी. जांच के बाद लोगों को पता चल जाएगा कि कौन संक्रमित है और कौन नहीं. संक्रमितों की पहचान होने से लोग उससे दूरी बनाकर अपना बचाव कर सकेंगे. वहीं चिह्नित मरीज भी होम आइसोलेशन में रहकर खुद को स्वस्थ कर पाएंगे. मरीज के गंभीर होने पर उन्हें कोविड केयर सेंटर या फिर सदर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया जाएगा.

रिपोर्टर

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