कालाजार से बचाव को लेकर जल्द शुरू होगा सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव


--जिले के तीन प्रखंडों के चार गांवों में किया जाएगा सिंथेटिक पायराथायराड का छिड़काव 

-छिड़काव से पहले स्वास्थ्यकर्मियों और वॉलेंटियर को इसे लेकर दिया जाएगा प्रशिक्षण


बांका, 16 मार्च -


 जिले में कालाजार उन्मूलन को लेकर सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव जल्द शुरू किया जाएगा। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारी की जा रही है। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी आरिफ इकबाल ने बताया कि जिले में कालाजार काफी नियंत्रण में है। तीन प्रखंडों के चार गांवों में ही इस बार सिंथेटिक पायराथायराइ का छिड़काव होना है। इसमें अधिकतम 15 दिनों का समय लगेगा। अन्य जिलों में 60 दिनों तक चलने वाला छिड़काव का काम आज ही शुरू हो रहा है। लेकिन बांका में बहुत ही कम क्षेत्र कालाजार से प्रभावित हैं, इसलिए हमलोग 15 मई से पहले ही छिड़काव का काम पूरा कर लेंगे। आरिफ इकबाल ने बताया कि छिड़काव से पहले स्वास्थ्यकर्मियों और वॉलेंटियर को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में छिड़कावकर्मियों को बताया जाएगा कि किस तरह से सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव करना है। गांव के सभी घरों में छिड़काव करना है। कोई भी घर छूटे नहीं, इसका ध्यान रखा जाना है। घरों की दीवारों की छह फुट की ऊंचाई तक सिंथेटिक पायराथाइराइड का छिड़काव करना है। पहले घर के सभी सामान को एक जगह रखकर छिड़काव का काम शुरू करना है। 

जल्द बनाया जाएगा माइक्रो प्लानः आरिफ इकबाल ने बताया कि इस बार जिले के तीन प्रखंडों के चार गांवों में सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव करना है। बौंसी प्रखंड के नयाडीह गांव में एक दिन में ही छिड़काव का काम पूरा हो जाएगा। उस गांव की आबादी बहुत कम है। इसलिए घरों की संख्या भी काफी कम है। इसलिए छिड़काव में ज्यादा समय नहीं लगेगा। इसी तरह अमरपुर प्रखंड के गदाल गांव में छिड़काव होना है। वहां पर तीन से चार दिनों में छिड़काव का काम पूरा किया जाना है। वहीं धोरैया प्रखंड के काठ बनगांव और तेलीवर गांव में छिड़काव होना है। इन दोनों गांवों में भी आठ दिनों में छिड़काव का काम होना है। कुल मिलाकर 15 दिनों में हर हाल में छिड़काव का काम पूरा हो जाएगा। इसे लेकर जल्द ही माइक्रो प्लान बना लिया जाएगा। 

सदर अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की है सुविधा: आरिफ इकबाल ने बताया कि कालाजार मरीजों की जांच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इस कारण संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है। मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने का  प्रावधान है । साथ ही पॉजिटिव मरीजों का सहयोग करने पर प्रति मरीज 500 रुपये संबंधित आशा कार्यकर्ता को दी जाती है। 15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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