बच्चों के सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए संतुलित आहार है जरूरी

- संतुलित आहार से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता होगी विकसित 

- बच्चों के भोजन में दूध और अनाज की मात्रा बढ़ाएं

- पानी और जूस भी अधिक से अधिक देने की  करें कोशिश 


मुंगेर-


 बच्चों के  सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी है। इससे ना सिर्फ बच्चे का सर्वांगीण शारीरिक और मानसिक विकास होता बल्कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। इन दिनों  बदल रहे मौसम में तो बच्चों के देखभाल की  जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। ऐसे में खुद के साथ-साथ बच्चों की  सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। छोटे- छोटे बच्चों का उसके स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए कौन सा आहार हो, इसको लेकर बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है । संतुलित आहार से ही बच्चों की  रोग - प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। बच्चों को यदि विटामिन और मिनरल्स नहीं मिलते हैं तो उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे कमजोर होने लगती । 


- बच्चों के आहार का रखें विशेष ख्याल :- 

जिला के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि बच्चों के आहार के प्रति थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। दरअसल,अभी उनमें तेजी से रोग- प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। अभी यदि थोड़ा सावधान रहें तो आगे ज्यादा परेशानी नहीं होगी। इसके लिए जरूरी है कि उनके भोजन में दूध, अनाज की मात्रा बढ़ाएं। इसके साथ ही पानी और जूस भी अधिक से अधिक दें।


- शारीरिक विकास के लिए प्रोटीन जरूरी :- बच्चों के शारीरिक विकास के लिए कैलोरी बहुत जरूरी है। अधिक कैलोरी के लिए दूध और साबुत अनाज अधिक देने पर ध्यान दें। बच्चों को कॉर्नफ्लैक्स व ओट्स दे सकते हैं। वहीं, प्रोटीन की कमी से शारीरिक विकास सही तरीके से नहीं हो पाता और मस्तिष्क संबंधी भी कई तरह के विकार पैदा हो जाते हैं । इसके अलावा मांसपेशियों और हड्डियों की  मजबूती के लिए भी प्रोटीन बहुत जरूरी है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाने के लिए बच्चों को पूरी मात्रा में विटामिन और मिनरल दें। थोड़ी- थोड़ी मात्रा में बच्चों को पानी पिलाते रहें ।

 

इन बातों का रखें ध्यान:------

- उन्होंने बताया कि जन्म के शुरुआती 1 घण्टे में नवजात को कराएं स्तनपान।

- 6 माह तक सिर्फ शिशु को कराएं स्तनपान(ऊपर से कुछ भी न दें। (पानी भी नहीं)। स्तनपान को कम से कम 2 साल तक जारी रखें।

- 6 माह पूर्ण होने के बाद बच्चे को स्तनपान के साथ संपूरक आहार देना शुरू करें।


- शुरुआत में प्रतिदिन बच्चे को अलग-अलग आहार खिलाएं। इस बात का ध्यान रखें कि इनमें पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में शामिल हों। 


- बच्चे को प्यार से समझाएं। उसे खेल-खेल में खाना खिलाएं।


- कलरफुल चीजें बच्चे को बहुत पसंद होती हैं। यह बात आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। उन्हें सलाद, फल और सब्जियां काट कर दें। 


- बच्चों  को खेलने दें, वह जितना ज्यादा थकेंगे उन्हें उतनी ही भूख लगनी शुरू हो जाएगी। वह खुद खाना मांगेगा । 


 - बच्चे को पौष्टिक खाना खाने की आदत डालें और बाहरी खाना से बचाएं।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Dr. Rajesh Kumar

संबंधित पोस्ट