मधुमेह के रोगी को हो सकता है टीबी का संक्रमण : एनसीडीओ



- कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर प्रशिक्षण कार्यशाला के दूसरे दिन गैर संचारी और संचारी रोग पर की गई चर्चा

- स्पुटम जांच की बारीकियों से सीएचओ को कराया गया अवगत 


मुंगेर, 24 जनवरी-


 मधुमेह के रोगी को हो सकता है टीबी का संक्रमण । उक्त बात  मंगलवार को गैर संचारी रोगों की  स्क्रीनिंग से संबंधित जीएनएम स्कूल में आयोजित कम्युनिटी  हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) के प्रशिक्षण के दूसरे दिन जिला के गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ के. रंजन ने कही। उन्होंने बताया कि डायबिटीज के मरीज को  टीबी से संक्रमित होने की  संभावना अधिक होती है। वहीं टीबी के मरीज के भी डायबिटिक होने की  संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि डायबिटीज और टीबी दोनों ही बीमारी में मेटाबॉलिज्म की क्रिया  लिवर से होती है।  इसलिए इंसुलिन से ही डायबिटीज कंट्रोल हो सकता है। उन्होंने बताया कि स्क्रीनिंग दो स्तर पर होता है।  पहला कम्युनिटी लेवल और दूसरा पॉपुलेशन लेवल पर । आप लोगों को सिर्फ सुपरविजन करना है। इस अवसर पर गैर संचारी रोग विभाग में कार्यरत मनोचिकित्सक नितिन आनंद, राहुल कुमार, डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर के डिस्ट्रिक्ट टीबी/एचआईवी कॉर्डिनेटर शैलेंदु कुमार, डीपीसी सुमित सागर, एनआरसी के सतीश कुमार, सीफार के डिविजन कॉर्डिनेटर जय प्रकाश कुमार सहित जिला के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।


डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर के डिस्ट्रिक्ट टीबी/एचआईवी कॉर्डिनेटर ने स्पुटम जांच की बारीकियों से सीएचओ को कराया अवगत :

प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर के डिस्ट्रिक्ट टीबी/एचआईवी कॉर्डिनेटर शैलेंदु कुमार ने टीबी की स्क्रीनिंग के लिए स्पुटम संग्रह के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और पूरी प्रकिया को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि सुबह में मुंह को साफ करने के बाद गाढ़ा और पीला रंग का स्पुटम  संग्रहित करना है। इसका दो सैंपल एक तत्काल और दूसरा सुबह का सैंपल लेना है।  इसके लिए रोगी को स्पुटम संग्रहित करने के लिए एक अलग से कंटेनर देना है। उन्होंने बताया कि टीबी के इलाज के लिए चार प्रकार की  दवाइयां प्रयोग में लाई जाती  हैं ।  जिसे संक्षिप्त रूप से एचआरजेडी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि टीबी की  जांच के लिए दो प्रकार की मशीन प्रयोग में लाई जाती है।  एक सीबीनेट और दूसरा ट्रूनेट । आगामी 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस से पूर्व जिला के सभी पी एचसी/ सीएचसी स्तर पर टीबी की जांच के लिए ट्रुनेट मशीन उपलब्ध हो जाएगी । 

डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर के डीपीसी सुमित सागर ने बताया कि टीबी के मरीजों को भारत सरकार के द्वारा निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपया प्रति माह  दर से सही पोषण के लिए दिया जाता है। आप लोगों को ये पता रखना है कि किन-किन टीबी के मरीजों को यह राशि मिल रही है। जिन लोगों को नहीं मिल रही है उनका पूरा डिटेल निक्षय पोर्टल पर अपडेट करवाना है। 


हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्तर पर होगी गैर संचारी और संचारी रोगों की  स्क्रीनिंग : 

जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम समन्वयक (डीपीसी) और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के नोडल अधिकारी विकास कुमार ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा निर्देश के अनुसार अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्तर पर ही गैर संचारी और संचारी रोगों की  स्क्रीनिंग होगी। इसके लिए जिला के  सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से आई सीएचओ को जीएनएम स्कूल में जिला के गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ के. रंजन, संचारी रोग पदाधिकारी डॉ ध्रुव कुमार साह, सिविल सर्जन डॉ. पीएम सहाय, डीपीएम मो. फैजल आलम अशर्फी, डीसीएम निखिल राज सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों ने प्रशिक्षण दिया ।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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